मैं अपने पियाको शाम बना, हर पल उसकी राधा बन जाऊ,
नैनोसे जब वो मुझको छुए, पलमे हीं सदीयां जी आऊं.
मैं अपने पियाको हीर बना, हर पल उसका रान्झा बन जाऊ,
पल पल जब प्यारमे वो तड्पे, हर पल उसकी तड्पन बन जाऊ.
मैं अपने पियाको दीप बना, इक प्रेम पतंगा मै बन जाऊ,
जब हसके वो रोशनी बिखरे, चुपकेसे मैं उसमे जल जाऊ,
मैं अपने पियाको फूल बना, खुशबुकी तरहा उसमे बस जाऊ,
उसकॆ मुखकी शोभा बनकर, जिवनके लिये दासी बन जाऊ,
मैं अपने पियाको कलम बना, हर प्रेमका मैं अनुभव कर पाऊ,
हर सांसपे उसका नाम लिखकर, राधाकी तरहा अमर बन जाऊ,
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