Sunday, September 5, 2010

मेरा दिन भी आय़ॆगा-A poem

आशाओंके इन्द्रधनुशका हर रंग लेहेराएगा
खुशीयोंकी बौछार लिये मेरा दिन भी आय़ॆगा

इन बेहेती हवाओंसे उम्मीदकी मेहेक आ रही है
हर गल्ली हर राह भी प्यारसे गुनगुना रही है
अब जीतका तराना मेरा दिल भी गायेगा
खुशीयोंकी बौछार लिये मेरा दिन भी आय़ॆगा

कुछ करनेकी सच्ची धुन अब दिलपे छाई है
अपने आपको आजमानेकी हमने कसम खाई है
मुश्कीलोंका दौर अब फिरसे नही आएगा
खुशीयोंकी बौछार लिये मेरा दिन भी आय़ॆगा

तनहाईकी रात अब खत्म होनेको आई है
उम्मीदका हाथ थामे सुरजकी किरन आई है
कामयाबीकी राहपर हर सपना सजेगा
खुशीयोंकी बौछार लिये मेरा दिन भी आय़ॆगा

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